राष्ट्रीय स्तर पर वायु प्रदूषण नियंत्रण में टॉप फाइव में शामिल हुआ बरेली

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बरेली। वायु प्रदूषण बरेली में पिछले सालों की अपेक्षा काफी कम हुआ है। इसीलिए राष्ट्रीय स्तर पर वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में अच्छा काम करने वाले टॉप फाइव शहरों में बरेली को शामिल किया गया है। इससे केंद्र सरकार ने एक बार फिर राष्ट्रीय वायु प्रदूषण नियंत्रण के तहत होने वाले कार्यों के लिए धनराशि आवंटित की है। वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए नगर निगम इस बार कई विभागों के साथ मिलकर संयुक्त कार्ययोजना बना रहा है।

शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने की योजना पर तेजी से काम शुरू हो गया है। कई साल से प्रदूषण नियंत्रण के लिए हुए कामों के सार्थक परिणाम आने के बाद नई कार्ययोजना बनाकर काम किया जा रहा है। केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से कराए गए स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में पिछले साल बरेली नगर निगम को सातवां स्थान हासिल हुआ था। इसके साथ ही पुरस्कार के रूप में 33 करोड़ रुपये का बजट मिला था। इस बार बरेली को देश में चौथा स्थान मिला है।

शहरों की वायु गुणवत्ता सुधारने को लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है, और वायु प्रदूषण नियंत्रण के कार्यों के लिए जमकर बजट आवंटित कर रही है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत पर्यावरण मंत्रालय ने 2022-23 में 2140 लाख, 2023-24 में 4985.75 लाख और 2024-25 1420 लाख रुपये की धनराशि जारी की थी। इसका परिणाम सामने आ रहा है।

लगातार किए जा रहे सुधार कार्य

वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में किए गए कार्यों की वजह से इस बार 200 औसत एक्यूआई है। इसके कारण बरेली को देश स्तर पर चौथा स्थान मिला है। इससे पहले वर्ष 2014 में औसत एक्यूआई 421, 2015 में 442, 2016 में 396, 2017 में 410, 2018 में 435, 2019 में 398, 2020 में 392, 2022 में 262, 2023 में 230 दर्ज किया गया था।

नॉन-अटेनमेंट शहरों की श्रेणी में चिह्नित है बरेली

वायु प्रदूषण पांच साल तक लगातार बढ़ते हुए खतरनाक स्तर तक पहुंचने के बाद वर्ष 2019 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बरेली को नॉन-अटेनमेंट शहरों की श्रेणी में चिह्नित किया था। फिर यहां आईआईटी कानपुर की टीम द्वारा अध्ययन के बाद नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत काम करने की योजना बनाई गई थी। इसमें वायु प्रदूषण का सबसे अधिक उत्सर्जन और स्रोत आधारित अध्ययन में कहा गया था कि सड़कों पर उड़ने वाली धूल प्रदूषण के सबसे बड़े स्रोतों में से एक है। कूड़ा जलाने के साथ उद्योगों और यातायात से उत्सर्जित धुआं भी प्रमुख कारण बताया गया था। इस वजह से पांच साल के लिए बरेली का चयन नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के लिए किया गया है।

वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए गए कार्य

नगर निगम ने मशीन से सड़कों की सफाई और धुलाई के साथ निर्माण कचरे के निस्तारण, ग्रीन बेल्ट बनाने, पौधों की सुरक्षा करने से लेकर बेहतर सड़कों का निर्माण कराने के कार्य किए हैं। पर्यावरण अभियंता राजीव कुमार राठी का कहना है कि बेहतर काम करने के लिए इस बार मैकेनिकल स्ट्रीट स्वीपर्स, वाटर स्प्रिंकलर और निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन सुविधा पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा पौधों की धुलाई, सड़कों से धूल हटाने के लिए धुलाई, मशीन से सड़कों की सफाई, लोगों को जागरूक, फुटपाथ का निर्माण, सिटी फोरेस्ट, पार्क और नर्सरी बनाई गई हैं।

नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य के मुताबिक वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में बेहतर काम किया गया है। इसके कारण देश स्तर पर बरेली को चौथा स्थान मिला है। हर साल वायु प्रदूषण में सुधार दर्ज हो रहा है। अबकी बार नई कार्ययोजना बनाकर कई विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर काम किया जाएगा। ,

 

 

Anuj Saxena
Author: Anuj Saxena

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