बदायूं, एनवीआई संवाददाता
बदायूं जिले की अलापुर नगर पंचायत की चेयरमैन हुमा बी अब अपने क्षेत्र में विकास कार्य करा सकती हैं। उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रशासन ने चेयरमैन हुमा बी के वित्तीय अधिकार बहाल कर दिए हैं। हाईकोर्ट ने चेयरमैन के अधिकार सीज किए जाने के आदेश पर आंशिक रोक लगाने के साथ आदेश दिया है कि उनका पक्ष सुनने के बाद नई प्रक्रिया अपनाते हुए कार्यवाही की जाए।
अलापुर नगर पंचायत के वार्ड सदस्यों की शिकायत पर बदायूं के डीएम ने दातागंज एसडीएम से मामले की जांच कराई थी। जांच में कुछ वित्तीय अनियमितताएं मिलीं। आरोप है कि जांच में लाखों रुपये का गबन होना पाया गया। इसके बाद डीएम ने अलापुर नगर पंचायत चेयरमैन हुमा बी के वित्तीय अधिकार सीज कर दिए थे। इस पर नगर पंचायत अध्यक्ष ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शरण ली।
चेयरमैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने शासन के आदेश पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 48 के तहत किसी भी अध्यक्ष के अधिकार समाप्त करने से पहले उसे सुनवाई का अवसर देना आवश्यक है। साथ ही आदेश दिया है कि इस विषय में कानूनी फैसलों के अनुसार नई प्रक्रिया अपनाकर कार्यवाही की जा सकती है। वित्तीय अधिकार बहाल होने पर चेयरमैन और उनके समर्थकों में खुशी की लहर है।
बदायूं के एडीएम प्रशासन अरुण कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश पर अलापुर नगर पंचायत अध्यक्ष के अधिकार बहाल कर दिए गए हैं। आगे की कार्यवाही उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार की जाएगी।
दरअसल अलापुर नगर पंचायत में भाजपा सभासदों और चेयरमैन समर्थक सभासदों के बीच खींचतान चल रही है। इसी के तहत भाजपा सभासदों ने चेयरमैन हुमा बी के खिलाफ प्रशासन से शिकायत की थी। आरोप है कि जिला प्रशासन की ओर से की गई जांच में भी पक्षपात किया गया।
