बरेली। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जेपीएस राठौर ने बरेली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बिहार चुनाव परिणामों को लेकर विरोधी दलों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने विकास, सुशासन और भरोसे के मुद्दों को आधार बनाकर मतदान किया है।
उनके अनुसार, प्रधानमंत्री द्वारा दी गई गारंटी पर जनता ने विश्वास जताया और इस भरोसे का ही परिणाम है कि एनडीए को स्पष्ट जनादेश मिला। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में लंबे समय से चले आ रहे कथित जंगलराज को नीतीश शासन ने खत्म करने का काम किया है।
बिहार में विपक्ष की टिप्पणियों पर जेपीएस राठौर ने कहा कि कुछ नेताओं के लिए जनता का फैसला स्वीकार करना हमेशा मुश्किल रहा है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की बड़ी जीत के बावजूद उनके दल में कभी अहंकार देखने को नहीं मिला और सरकार ने वीआईपी संस्कृति को खत्म करने के कदम उठाए हैं।
जेपीएस राठौर ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्हें अपनी हार का कारण समझ ही नहीं आता, उन्हें अपने संगठन और कार्यकर्ताओं की गतिविधियों पर नजर डालनी चाहिए।वहीं जेपीएस राठौर ने लालू परिवार की रार पर तंज कसते हुए कहा कि जब बबूल का पेड़ लगाया हो तो फल कहां से पाएंगे। लाल यादव का परिवार जंगल राज का शिकार हो गया है। मुझे लगता है यदि उनके बच्चों को अच्छे संस्कार दिए गए होते , तो इस तरह की बात नहीं होती।जिस तरीके से उनकी बहन ने आरोप लगाए हैं जिस तरीके से उनको अपमानित किया गया। वह गलत हुआ।
आजम खान पर बोलते हुए जेपीएस राठौर ने कहा कि उन्हें अभिव्यक्ति का बेहतरीन हुनर मिला था, लेकिन उसका प्रयोग उन्होंने सही दिशा में नहीं किया। उनका कहना था कि जब किसी प्रतिभा का उपयोग गलत तरीके से किया जाता है तो परिणाम प्रतिकूल होते हैं
जेपीएस राठौर ने कहा कि बीते समय में जिन कार्रवाइयों का सामना उन्हें करना पड़ा, वे उन्हीं पुराने मामलों से जुड़ी थीं और न्यायालय द्वारा की जा रही प्रतिक्रियाएं इसी का संकेत हैं।उन्होंने ईवीएम पर उठाए गए सवालों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष अपनी हार का जिम्मा स्वीकार करने के बजाय मशीनों पर आरोप लगाता है।
जेपीएस राठौर का कहना था कि जब तक वे अपनी कमियों को नहीं पहचानेंगे, परिणामों में बदलाव संभव नहीं है। एक अन्य राजनीतिक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राठौर ने कहा कि यदि कुछ लोग गलत तत्वों को संरक्षण न देते, तो ऐसी घटनाएं खड़ी ही न होती । उन्होंने कहा कि आगे चलकर ऐसे संरक्षणकर्ताओं पर भी कार्रवाई संभव है।
जेपीएस राठौर ने यह भी कहा कि पिछले शासनकाल में अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव बनाया जाता था और उन्हें नेताओं की मंच से प्रशंसा करने तक की मजबूरी होती थी। जबकि वर्तमान में अधिकारी निष्पक्षता के साथ निर्णय ले रहे हैं और जिला प्रशासन बिना दबाव काम कर रहा है।
अखिलेश यादव पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि जब आजम खान जेल में थे तब उनसे मिलने नहीं गए, लेकिन बाहर आने के बाद मुलाकात का दिखावा किया गया। उन्होंने विपक्ष की राजनीतिक रणनीति को असंगत बताते हुए कहा कि केवल बयानबाज़ी से जनता प्रभावित नहीं होती।
उन्होंने सुरक्षा और आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर कहा कि पहले गंभीर घटनाओं के आरोपी जेल में विशेष सुविधा पाते थे, जबकि वर्तमान सरकार ने कठोर रुख अपनाया है और दोषियों को सख्त सजा सुनिश्चित की है।




