अहिच्छत्रा महोत्सव का बरेली में आयोजन , कार्यक्रम में पहुंचे कई दिग्गज

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बरेली ।शहर में  पहली बार बहुजन समाज के बुद्धिजीवियों के माध्यम से अहिच्छत्रा महोत्सव (सभ्यता संस्कृति विरासत) का आयोजन ओशी बैंकट हाल में किया गया। जिसमे बाहर से सम्मानित आगंतुक गण मुख्य अतिथि डॉक्टर बी पी अशोक एक्स आईपीएस  ने इतिहास के पन्नों को पलटा और अहिछत्रा धरोहर व महापुरुषों के जीवन पर प्रकाश डाला जिसमे बताया कि अहिछत्रा बौद्ध संस्कृति विरासत और सभ्यता का गढ़ रहा है यहां पर नाग वंश के शासक अच्युत नाग का कई वर्षों तक राज्य रहा है ।
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यहां पर अच्युत नाग ने तथागत बुद्ध को बुलाकर अपने यहाँ पर उपदेश दिलवाए थे l तथागत बुद्ध ने अहिछत्रा मे रहकर लगातार सात दिनों तक धम्म देशना की उपदेश दिये l यह तथागत बुद्ध क़ी भूमि रही है अच्युत नाग के समय यह समृद्धशाली रहा था लेकिन बाद मे कुछ विरोधी ताकतों ने इस बौद्ध विरासत को पूर्ण रूप से बदलने का कार्य किया l और डॉ अशोक ने जनपद बरेली का नाम अहिछत्रा रखे जाने का प्रस्ताव रखा । और साथ ही मुख्य बक्ता नेशनल जनमत के मुख्य संपादक नीरज भाई पटेल ने कार्यक्रम की अलग छाप छोडी। और साथ ही  बहुजन कवि श्रद्धेया वन्दना सिद्धार्थ ने अपने गीतों के माध्यम में अहिच्छत्रा महोत्सव में समा बांध दिया । और इंजी एन के गौतम जी ने भारतीय संबिधान पर प्रकाश डालते हुए बहुजनों को उनके अधिकारों से रूबरू कराया l
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ बी आर बुद्ध प्रिय द्वारा लिखित धम्म क्रांति नामक पुस्तक का विमोचन भी किया गया lकार्यक्रम की अध्यक्षता  डॉ बी आर बुद्ध प्रिय जी ने की और संचालन डॉ अरुण कुमार सिंह पेरियार व सारिका बौद्ध (जिलाध्यक्ष सम्यक दृष्टि समिति बरेली) ने किया l कार्यक्रम मे श्रद्धेय यशवंत सिंह (जिलाध्यक्ष दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ़ इंडिया बरेली) श्रद्धेय तारा चंद्र चौधरी (मुख्य कार्यक्रम संयोजक) सुरेंद्र प्रजापति (सामाजिक चिंतक) सत्य प्रकाश पटेल (समाज सेवी) अशोक चौधरी, हरीश गंगवार, डॉ शशि प्रताप, सुरेंद्र सोनकर इजी अमर सिंह, राजेंद्र पाल, महेश यादव ( सामाजिक चिंतक) देवेंद्र सिंह एड संजय वर्मा आदि ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ऐसे प्रोग्राम निरंतर होने चाहिए जिससे हमारी विरासत और महापुरुषों का जीवन चरित्र जीवंत अवस्था में रहे।
और तथागत बुद्ध व बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर जी एवं समस्त बहुजन महापुरुषों का कारवां आगे बढ़ता रहे। अहिच्छत्र महोत्सव आयोजन संघ की  टीम ने जिला बरेली तहसील आंवला  रामनगर स्थित स्तूपों का भ्रमण किया। जो स्तूप सम्राट अशोक के द्वारा बनवाए हुए ढाई हजार साल पुराने हैं । अहिच्छत्र पांचाल की राजधानी था और अहिच्छत्र जो नगर क्षेत्र था ।वह 16 किलोमीटर में फैला हुआ था ।
जिसके अवशेष आज भी मिलते हैं अहिच्छत्र  के कुछ अवशेष मथुरा के और लखनऊ के संग्रहालय में रखे हुए हैं
।कुछ अवशेष जिसमें  मिट्टी के बर्तन, चूड़ियां  आदि हैं वह बरेली की एमजेपी रोहिलखंड यूनिवर्सिटी के पांचाल म्यूजियम में रखे हुई है।इन स्तूपों एवं अहिच्छत्र क्षेत्र का विवरण हमें वह चीनी यात्री हवेनसांग की किताब में मिलता है ,जिसका रेफरेंस लेकर लॉर्ड कनिंघम ने 1861 में इस क्षेत्र की खुदाई प्रारंभ की और तमाम पुरातत्व अवशेष जो अशोक कालीन ,बुद्ध कालीन थे वहां से प्राप्त हुए ।आज यह  क्षेत्र एएसआई द्वारा संरक्षित है लेकिन यह संरक्षण  आधा अधूरा है , उत्खनन सही से नहीं हो रहा है और अनेक धार्मिक प्रोपेगेंडा इसके जगह  के साथ जोड़ दिए गए हैं। इस महत्वपूर्ण स्थल अर्थात सम्राट अशोक कालीन सभ्यता संस्कृति विरासत को नष्ट कर रहे हैं। ।यह सब हमारी टीम में आज अहिच्छत्र पहुंचकर स्वयं देखा है। हमारी सरकार से मांग है ,इस जगह को अभिलेखों में बौद्ध स्तूप अर्थात बौद्ध स्थल घोषित किया जाए और इसका उत्खनन और संरक्षण ढंग से किया जाए।
यह दुनिया के नक्शे पर बौद्ध पर्यटक स्थल के रूप में स्थापित हो सकता है। दिल्ली से आए सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर डॉक्टर सिद्धार्थ ,बरेली के सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर संतोष शाक्य ,इंजीनियर एन के गौतम, साहित्यकार एवं इतिहासकार डॉ बी आर बुद्ध प्रिय, सोशल एक्टिविस्ट यशवंत सिंह (जिलाध्यक्ष दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ़ इंडिया बरेली),मदन लाल जी, पूज्य भंते अरविंद धम्म स्वरूप जो नई दिल्ली से हमारे बीच आए थे एवं पुष्पा सिंह मार्टिना अशोक ,शौर्य सिंह अरविंद कुमार और इतिहास विद डॉ अरुण कुमार सिंह रहे।
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Author: newsvoxindia

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