बहेड़ी (बरेली)।
पीड़िता के अनुसार, उसका निकाह 30 अप्रैल 2024 को मोहम्मद आसिफ पुत्र मोहम्मद रफीक के साथ मुस्लिम रीति-रिवाज से हुआ था। यह विवाह प्रेम विवाह था, जिससे ससुरालीजन शुरू से ही नाखुश थे। पीड़िता का आरोप है कि उसे “भगोड़ी” कहकर ताने दिए जाते थे और बार-बार कहा जाता कि अगर वे खुद शादी करते तो 10 लाख रुपये दहेज में मिलते।
पीड़िता जब गर्भवती हुई, तो उसे लगा शायद अब घर का माहौल बदल जाएगा। लेकिन उल्टा ससुराल पक्ष और हिंसक हो गया। 10 जून 2025 को पति आसिफ, जेठ रेहान व इमरान, ननदें तरन्नुम व तराना, सास साबरी, ससुर मोहम्मद रफीक, जेठानियां नाजरीन और आसिया ने मिलकर पीड़िता के साथ बर्बरता की। उसके पेट पर लात मारी गई, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई।
इसके बाद उसे बहेड़ी के दो निजी अस्पतालों में ले जाया गया और जबरन गर्भपात करा दिया गया। गर्भपात के बाद उसे बंधक बनाकर रखा गया और फोन भी छीन लिया गया, ताकि वह किसी से संपर्क न कर सके। 20 जून को पीड़िता मौका पाकर मायके भागी और ससुरालियों की करतूत पर से पर्दा उठा।
1 जुलाई को पति आसिफ मायके आया और समझौते का बहाना कर उसे तहसील ले गया, जहां एक सादे स्टांप पेपर पर उससे दस्तखत करवा लिए। पीड़िता का कहना है कि वह अनपढ़ है और पति पर भरोसा करके दस्तखत कर दिए। बाद में उसे फोन कर बताया गया कि उसी स्टांप पेपर पर तीन तलाक लिखकर उसे तलाक दे दिया गया है।
मामला सामने आने पर पीड़िता ने बहेड़ी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने पति समेत नौ लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
