बरेली। जिले में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। केंद्र सरकार के SOP के तहत बांग्लादेशी और रोहिंग्या की पहचान और सत्यापन के लिए व्यापक स्तर पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है। शनिवार को बारादरी क्षेत्र में रूहेलखंड यूनिवर्सिटी विवि से सटी आबादी में प्रशासन और पुलिस के संयुक्त दल ने जांच अभियान चलाया।

अभियान की निगरानी डीएम अविनाश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य ने खुद मौके पर पहुंचकर की। उनके साथ भारी पुलिस बल, स्थानीय थाना स्टाफ और विशेष जांच टीमें मौजूद रहीं। अधिकारियों ने टीमों को क्षेत्र में संदिग्ध बिना दस्तावेज रह रहे लोगों की गहन जांच के निर्देश दिए।
सर्च अभियान के दौरान अधिकारियों ने झुग्गियों में रह रहे लोगों से पहचान पत्र और अन्य दस्तावेजों की जांच की। जिन लोगों के पास पहचान संबंधी वैध दस्तावेज नहीं मिले, उनके बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि इस अभियान का मकसद जिले में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की तलाश करना है। यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति बाहरी क्षेत्र में रहता हुआ मिलता है, तो उसकी जांच की जाएगी।
जब तक संदिग्ध व्यक्ति की नागरिकता का सत्यापन पूरा नहीं हो जाता, तब तक उसे डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा।एसएसपी अनुराग ने आश्वासन दिया कि डिटेंशन सेंटर में रहने के दौरान उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाएगी।
अगर जांच में यह साबित हो जाता है कि वे अवैध प्रवासी हैं, तो उन्हें वापस उनके देश भेजना तय किया जाएगा।
एसएसपी अनुराग आर्य ने यह भी बताया कि इससे पहले भी कार्रवाई की गई थी, जिसमें कुछ परिणाम मिले थेउन लोगों को जेल भेजा गया था।कुछ लोग ऐसे मिले थे जो बांग्लादेशी थे और उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था, जिस पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।
एसएसपी अनुराग आर्य ने स्पष्ट किया कि यह विशेष एसओपी मानक संचालन प्रक्रिया है यह केवल अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या प्रवासियों की पहचान और डिपोर्टेशन के लिए है।




