बरेली। हत्या के एक पुराने मामले में 36 साल से फरार चल रहा आरोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पूरी कहानी किसी फिल्म की पटकथा जैसी है मुल्ज़िम ने न सिर्फ अपना नाम बदला, बल्कि पुलिस से बचने के लिए धर्म परिवर्तन कर नई पहचान के साथ दूसरी जिंदगी जीता रहा। बरेली पुलिस ने उसे मुखबिर की सटीक सूचना पर डेलापीर मंडी के पास दबोच लिया।
वर्ष 1989 में थाना शाही क्षेत्र में प्रदीप कुमार सक्सेना पर धारा 379/302 के तहत हत्या का मामला दर्ज हुआ था। उसे जेल भी भेजा गया था, लेकिन 2002 में कोर्ट में पेशी से पहले वह फरार हो गया। उसके बाद से पुलिस और परिवार—दोनों के लिए वह जैसे गायब ही हो गया था। कोर्ट द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के बावजूद उसकी लोकेशन का कोई पता नहीं चल पा रहा था।
तोड़ उस समय मिला, जब हाल ही में उसके बड़े भाई सुरेश सक्सेना ने पुलिस को बताया कि मुरादाबाद के ट्रांसपोर्ट नगर में ‘सक्सेना ड्राइवर’ नाम से एक शख्स ड्राइविंग करता है, जो शक के आधार पर प्रदीप हो सकता है। पुलिस ने मुरादाबाद में जांच की तो चौंकाने वाला सच सामने आया—वह व्यक्ति वही प्रदीप सक्सेना है, जिसने पहचान छिपाने के लिए अपना नाम अब्दुल रहीम उर्फ इश्लाम रख लिया था और मुरादाबाद के इस्लामनगर में परिवार संग नई जिंदगी बसा ली थी।
मुखबिर की पुख्ता सूचना पर थाना प्रेमनगर पुलिस ने डेलापीर मंडी के पास घेरा बनाकर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह करीब 30–35 साल से घर-परिवार और अपनी पुरानी पहचान से दूर रहकर दूसरी पहचान में ट्रांसपोर्ट लाइन में काम कर रहा था। उसकी उम्र अब लगभग 70 वर्ष है।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि वर्षों से फरार चल रहे इस आरोपी की गिरफ्तारी बरेली पुलिस के लिए बड़ी सफलता है।
प्रेम नगर थाना प्रभारी प्रयागराज ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया गया है



