बरेली। भारत रत्न एम. विश्वेश्वरैया की 165वीं जयंती के अवसर पर श्रीराम मूर्ति स्मारक ट्रस्ट के महाविद्यालयों में 58वां इंजीनियर्स डे बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें तकनीकी नवाचार, सामाजिक जिम्मेदारी और कठिन परिश्रम के महत्व पर जोर दिया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती व इंजीनियर विश्वेश्वरैया की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ सरस्वती वंदना द्वारा हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में इफको आंवला इकाई के जनरल मैनेजर (इंस्ट्रूमेंटेशन) इंजीनियर हीरालाल यादव उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एस.आर.एम.एस. ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति जी ने की, जबकि सेक्रेटरी आदित्य मूर्ति जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस मौके पर प्राचार्य डॉ. प्रभाकर गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय द्वारा किए जा रहे नए अनुसंधानों पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि इंजीनियर हीरालाल यादव ने ई. विश्वेश्वरैया की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए छात्रों से उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया। सेक्रेटरी आदित्य मूर्ति ने विद्यार्थियों से सामाजिक समस्याओं को तकनीकी ज्ञान से हल करने और नवाचार की दिशा में कार्य करने की प्रेरणा दी।
चेयरमैन देव मूर्ति जी ने कहा कि एआई संचालित युग में भी कठिन परिश्रम और नवाचार ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने छात्रों को विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए उत्पादन और तकनीकी नवाचार में योगदान देने का संदेश दिया। इस दौरान दोनों महाविद्यालयों के बेस्ट इंजीनियर अवॉर्ड भी घोषित किए गए, जिनमें विशाल शर्मा, निवेदिता शर्मा और यश गर्ग को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में ट्रस्ट और महाविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, विभागाध्यक्ष और शिक्षकगण मौजूद रहे। अंत में डीन डॉ. शैलेश सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापित किया और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।




