बहेड़ी (बरेली)।
कुछ माह पहले चीनी मिल ने पुरानी सोसायटी को ध्वस्त कर कॉम्प्लेक्स का निर्माण शुरू किया। तब से ही इस पर लीज भूमि पर बिना अनुमति निर्माण के आरोप लगते रहे। हालांकि, मिल प्रबंधन का दावा है कि उन्होंने सभी नियमों का पालन किया और आवश्यक एनओसी प्राप्त की है।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी के रूप में शशि प्रभा चौधरी के कार्यभार संभालने के बाद मामले ने नया मोड़ लिया। पालिका ने कॉम्प्लेक्स की वैधानिकता की जांच के लिए समिति बनाई, जिसने मौके पर निरीक्षण कर चीनी मिल प्रबंधन को नोटिस भेजा और निर्माण से संबंधित दस्तावेज मांगे।
पालिका का आरोप है कि मिल प्रबंधन ने एक अन्य भूमि के कागज़ात प्रस्तुत कर भ्रम फैलाने का प्रयास किया, जिसे पकड़ लिया गया।
पालिका अध्यक्ष के पति और भाजपा नेता अजय जायसवाल “बाँबी” ने आरोप लगाया कि तत्कालीन ईओ वीरेंद्र प्रताप सिंह ने नियमों को ताक पर रखकर गुपचुप एनओसी जारी की। जांच समिति ने इस एनओसी को नियमविरुद्ध पाते हुए निरस्त करने की संस्तुति की है।
पालिका ईओ शशि प्रभा चौधरी ने बताया कि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण को लेकर दो नोटिस पहले ही दिए जा चुके हैं। तीसरे नोटिस के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मिल प्रबंधन द्वारा अब तक जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं, वे अधूरे और असंगत हैं।
मिल प्रबंधन का पक्ष
केसर चीनी मिल प्रबंधक शरद मिश्रा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने निर्माण से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज पालिका को सौंपे हैं। उनका कहना है कि कुछ लोग मिल की छवि खराब करने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण पूरी तरह नियमों के तहत किया गया है और सभी आवश्यक एनओसी प्राप्त की गई हैं।
हालांकि, कुछ स्थानीय आरोप यह भी लगा रहे हैं कि मिल किसानों के बकाया भुगतान से बचने और संपत्ति बेचने की मंशा से काम कर रही है — जिसे मिल प्रबंधन ने सिरे से नकार दिया है।
