बदायूं में एक डॉक्टर की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर ने लोहे की छुरी मृतक के पेट के अंदर छोड़ दी। अंतिम संस्कार के बाद मृतक के परिवार वाले अस्थियां बीनने पहुंचे तो छुरी चिता पर राख में पड़ी देख दंग रह गए। उन्होंने इस मामले की शिकायत बदायूं के एसएसपी और सीएमओ से की है।
बदायूं के दातागंज थाना क्षेत्र के ग्राम जयपालपुर निवासी समरपाल के बेटे प्रदीप की लाश गांव के बाहर खेत में पड़ी मिली थी। मृतक के भाई जयदीप का कहना है कि सोमवार 28 जुलाई की शाम करीब 07 बजे प्रदीप को उन्हीं के गांव के श्यामू पुत्र गणपत सिंह, सुभाष पुत्र जगतपाल कश्यप, जमुना पुत्र करन सिंह, सुधीर पुत्र गनपत सिंह, शेरू पुत्र करन सिंह घर से बुलाकर ले गए थे। घर से जाते समय प्रदीप की मां के पूछने पर आरोपियों ने कहा था कि अभी छोड़ जाएंगे।
काफी देर तक प्रदीप घर नहीं लौटा तो परिवार वालों को चिंता हुई। इंतजार करने के बाद उन्होंने तलाश शुरू कर दी। इसी दौरान उन्हें गांव के बाहर खेत में प्रदीप की लाश पड़ी होने की सूचना मिली। उन्होंने मौके पर जाकर देखा तो सूचना सही निकली। इसका पता लगने पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। इसकी सूचना देने पर दातागंज भी पुलिस मौके पर जा पहुंची।
इस मामले में दातागंज पुलिस ने आरोपी श्यामू, सुभाष, जमुना, सुधीर, शेरू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। परिवार वालों ने शव घर ले जाने के बाद प्रदीप का अंतिम संस्कार कर दिया। तीसरे दिन परिजन अस्थियां बीनने श्मशान भूमि पहुंचे तो चिता पर राख में लोहे की छुरी पड़ी देख दंग रह गए। उन्होंने फौरन दातागंज थाना प्रभारी निरीक्षक को फोन किया, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची।
मृतक के परिजन शुक्रवार को बदायूं जाकर एसएसपी से मिले और पूरे मामले की जानकारी दी। उनका आरोप है कि दातागंज पुलिस ने आरोपियों से साठगांठ कर ली है। पोस्टमार्टम हाउस पर एक सिपाही ने उन्हें धमकाया था। उन्होंने दातागंज थाने जाकर शिकायत की तो वहां से इंस्पेक्टर ने फटकार कर भगा दिया।
