रिपोर्ट: ओमकार गंगवार
बरेली जिले की तहसील मीरगंज के गांव म्यूढ़ी बुजुर्ग और आसपास के क्षेत्रों में उस समय हड़कंप मच गया जब भाखड़ा नदी के समीप गन्ना और धान के खेतों में ग्रामीणों ने तेंदुए और उसके शावक जैसी आकृति देखने का दावा किया।
यह दृश्य गुरुवार दोपहर सबसे पहले अजीम पुत्र मोहम्मद जीलानी ने देखा, जो जंगल की ओर अपने खेतों में जा रहे थे। डर के मारे उनकी बाइक भी मौके पर छूट गई।इस घटना के बाद पड़ोसी गांव परचई के ग्रामीण भी दहशत में हैं। वहां के प्रधानपति चोखे लाल वर्मा ने माइक से ऐलान कर लोगों को खेतों में समूह में जाने और लाठी-डंडों के साथ सतर्क रहने की सलाह दी है।
गांव संग्रामपुर के शराफत ने भी एक दिन पहले म्यूढ़ी के जंगल में तेंदुए जैसे जीव को शावक के साथ देखने का दावा किया। इसी तरह मीरगंज के मदनापुर (बिलायतगंज) निवासी गीता राम वर्मा ने शुक्रवार सुबह अपने खेतों की ओर जाते वक्त एक चकत्तेदार लाल रंग के जीव को देखने की बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा ही जीव पहले उनके चाचा बालक राम पर हमला भी कर चुका है।
वन विभाग की टीम ने की छानबीन, नहीं मिले तेंदुए के पगचिन्ह
सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम, जिसमें रेंजर संतोष कुमार मथानी, इंस्पेक्टर मुकेश कुमार, एसआई छत्रपाल और सिराज अहमद शामिल थे, मौके पर पहुंची। टीम ने खेतों और जंगल में पगचिन्हों की तलाश की, लेकिन उन्हें तेंदुआ या बाघ जैसे किसी बड़े शिकारी जानवर के चिन्ह नहीं मिले। हालांकि छोटे पगचिन्ह पाए गए, जिनसे सियार या गीदड़ जैसे जानवर होने की आशंका जताई जा रही है।
ग्रामीणों को दी गई सुरक्षा की सलाह
वन विभाग ने फिलहाल इलाके के ग्रामीणों को सतर्क रहने और अकेले खेतों में न जाने की सलाह दी है। विभाग की ओर से कहा गया है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
