लखनऊ में दिव्यांग जनों का विधानसभा घेराव, सैकड़ों प्रदर्शनकारी गिरफ्तार, सरकार ने दो महीने का समय मांगा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश दिव्यांग युवा संघ के अध्यक्ष दुरवेश कुशवाहा आज़ाद के नेतृत्व में सैकड़ों दिव्यांग कार्यकर्ता शुक्रवार को अपनी 27 सूत्रीय मांगों को लेकर लखनऊ पहुंचे और विधानसभा का घेराव किया। जैसे ही प्रदर्शनकारी विधानसभा की ओर बढ़े, लखनऊ पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए अध्यक्ष दुरवेश कुशवाहा आज़ाद सहित सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया और बसों के माध्यम से इको गार्डन पहुंचाया गया।

प्रदर्शन में हरदोई ज़िले से संघ के जिलाध्यक्ष एहसानुल हक और महासचिव रवि प्रकाश के साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए। यह आंदोलन दिव्यांग महागठबंधन और अन्य संगठनों के सामूहिक प्रयास से आयोजित किया गया था, जिसमें यूपी के अलग-अलग ज़िलों से दिव्यांगजन पहुंचे।

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में नौकरी, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा की 100% गारंटी, ₹5000 मासिक पेंशन, मुख्य सेविका और लेखपाल अभ्यर्थियों की नियुक्ति, RPWD अधिनियम-2016 को जमीनी स्तर पर लागू करना और दिव्यांगों के लिए चुनाव आयोग द्वारा विशेष आरक्षित सीटें निर्धारित करना शामिल थीं।

प्रदर्शन के दौरान सरकार के प्रतिनिधियों और प्रदर्शनकारियों के बीच वार्ता भी हुई। दिव्यांग महागठबंधन के वरिष्ठ नेता मनीष प्रसाद, वीरेंद्र कुमार, आनंद तिवारी, जितेंद्र जी और डी.के. आज़ाद सहित अन्य पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय से वार्ता की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मांगों पर विचार के लिए दो महीने का समय मांगा है।

अध्यक्ष दुरवेश कुशवाहा आज़ाद ने चेतावनी दी कि यदि दो महीने में मांगें पूरी नहीं हुईं तो राज्यभर के 54 लाख दिव्यांगजन फिर से आंदोलन करेंगे। उन्होंने इस दिन को “दिव्यांग क्रांतिकारी दिवस” घोषित करते हुए हर वर्ष मनाने की घोषणा की और आंदोलन में शामिल सभी संगठनों और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया।

 

 

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Author: newsvoxindia

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