बरेली के महापौर डॉ. उमेश गौतम ने मंगलवार को निर्माण विभाग के इंजीनियरों के साथ समीक्षा बैठक की। महापौर ने इंजीनियरों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि हर हालत में निर्धारित समय में काम होना चाहिए। पार्षदों की डिमांड पूरा करने के लिए सभी को तैयार रहना होगा। मेयर ने कहा कि प्रत्येक वार्ड में 50-50 लाख से काम होने हैं। बारिश के पहले टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, ताकि सितंबर में 40 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों और नालियों का काम समय से शुरू किया जा सके।
महापौर डॉ. उमेश गौतम ने मंगलवार दोपहर अपने कक्ष में मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी और अधिशासी अभियंता राजीव राठी सहित सभी इंजीनियरों के साथ प्रस्तावित कामों को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने सबसे पहले प्रत्येक वार्ड में होने वाले 50-50 लाख रुपये के कामों के बारे में विस्तार से चर्चा की। पार्षदों द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर महापौर ने कहा कि एक सूची तैयार कर लें और प्राथमिकता के आधार पर काम किया जाए, इन कार्यों अटकाया न जाए, क्योंकि पार्षदों के काम सीधे जनसुविधा से जुड़े होते है।
बारिश से पहले टेंडर कराकर वर्क ऑर्डर जारी कर दिया जाए, ताकि हर हाल में 10 सितंबर के पहले कार्य शुरू हो सके। महापौर ने कहा कि ऐसी फर्मों को टेंडर से दूर रखा जाए जो काम लेने के बाद लापरवाही करती है। कहा कि जो ठेकेदार काम अधूरा छोड़कर गायब हो जाते हैं, और मानक की अनदेखी करते है, उनको टेंडर प्रक्रिया में शामिल करने की जगह ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए। ताकि उनकी वजह से नगर निगम की छवि धूमल न हो।
15वें वित्त और राष्ट्रीय वायु प्रदूषण नियंत्रण (एनकैप) के तहत हो रहे और पूर्ण हो चुके कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि इनकी रिपोर्ट में हमें उपलब्ध कराई जाए। ताकि इनकी वास्तविक स्थित के बारे में पता चल सके कि धरातल पर कितना काम अभी तक हुआ है। 15 वें वित्त आयोग के तहत होने वाले स्वीकृत जो शुरू नहीं हुए है या अधूरा है, उनको पूरा कराया जाए। ताकि लोगों को दिक्कतें दूर हो सकें।
