बरेली।एसआरएमएस रिद्धिमा में गुरुवार शाम “साहित्य सरिता” के अंतर्गत द्वितीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें कई नवोदित और प्रसिद्ध कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ बरेली के कवि अंकित तुलसी की कविता से हुआ, जो मां जगदम्बा को समर्पित थी।
लखनऊ से आए दिव्यांश रावत ने अपनी भावनात्मक कविता “जब खड़ा था उठाते थे सब…” सुनाई, वहीं बरेली की कवियत्री स्नेह सिंह ने भगवान शिव, मां की ममता, देशभक्ति और भ्रष्टाचार जैसे विषयों को छुआ। शाहजहांपुर के उमेश शाक्य ने हास्य से भरपूर पंक्तियां सुनाकर दर्शकों को खूब हंसाया – “एक दिन हमको डांट पड़ी घरवाली से, आई लव यू बोल दिया था साली को।”
बरेली की अंशु गुप्ता ने अपनी भावुक कविता में मां-पिता की भूमिका को उजागर किया, जबकि बदायूं के अखिलेश ठाकुर ने महिलाओं की शक्ति पर कविताएं पढ़ीं। वीर रस के कवि डॉ. कमलकांत तिवारी ने देशभक्ति से ओतप्रोत कविताओं से समां बांध दिया। उन्होंने पढ़ा – “मुफलिसी दौर निकलने का दौर आता है, हमको तकदीर बदलने का हुनर आता है।”
कार्यक्रम का संचालन अश्वनी चौहान ने किया। मंच पर एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति, आशा मूर्ति, आदित्य मूर्ति सहित डॉ. प्रभाकर गुप्ता, डॉ. अनुज कुमार, डॉ. रीटा शर्मा, कवि रोहित राकेश और अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। आयोजन में प्रेम, अध्यात्म, हास्य और देशभक्ति की सुंदर अभिव्यक्ति देखने को मिली।
