रिपोर्ट: भीम मनोहर | बरेली
बरेली।नाथ नगरी बरेली का हृदय माने जाने वाला अलखनाथ मंदिर आज सावन के पहले सोमवार को शिवभक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र बना रहा। सुबह की पहली किरण से पहले ही मंदिर परिसर में भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर की ओर आने वाली हर सड़क पर बोल बम के जयघोष, कांवड़ियों के रंग-बिरंगे जत्थे और शिव भक्ति में लीन भक्तों का हुजूम दिखाई दिया।

अलखनाथ में बही भक्ति की गंगा
सुबह 3 बजे से मंदिर परिसर में लंबी कतारें लग गई थीं। श्रद्धालु सिर पर गंगाजल की कांवड़ लिए, पदयात्रा करते हुए बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे। मंदिर के महंत कालू गिरी ने बताया कि अलखनाथ मंदिर की स्थापना प्राचीन काल में हुई थी और यह साधु-संतों की तपोस्थली रही है। मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मंदिर प्रबंधन ने कांवड़ियों और आम श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं—जलाभिषेक के लिए अलग लाइनें, भंडारे का आयोजन, पेयजल व चिकित्सा व्यवस्था और रुकने के लिए विश्राम स्थल तक की व्यवस्था की गई है।
शहर भर से उमड़ा भक्तों का हुजूम
अलखनाथ मंदिर में भक्तों ने पहुँचकर आस्था का परिचय दिया। भक्तों का कहना है कि बाबा अलखनाथ का दरबार निराला है—यहाँ आकर मन को असीम शांति और आंतरिक बल की अनुभूति होती है।
पुलिस ने संभाला मोर्चा
प्रशासन ने अलखनाथ मंदिर को केंद्र मानते हुए पूरे शहर में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं। भीड़ नियंत्रण के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग, CCTV निगरानी और भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। साथ ही कांवड़ मार्ग पर वालंटियर्स व NCC कैडेट्स को भी लगाया गया, जो शिवभक्तों की मदद कर रहे हैं।
मंदिर परिसर गूंजा शिव आराधना से
“ॐ नमः शिवाय” के मंत्रों और डमरू की गूंज ने वातावरण को पूरी तरह आध्यात्मिक बना दिया। कई भक्त मंदिर परिसर में ही ध्यान और जप करते दिखाई दिए
