औरैया:
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (दांडिक) उमेश राजपूत के मुताबिक फफूंद थाना क्षेत्र के बरौआ गांव निवासी प्रियंका की शादी इटावा जिले के बसरेहर थाना क्षेत्र के लुईया गांव में अवनीश से हुई थी। प्रियंका को चार बच्चे सोनू, आदित्य, माधव और मंगल हुए। करीब दो साल पहले पति की करंट लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद प्रियंका चचेरे देवर आशीष के साथ रहने लगी। गांव में बदनामी होने पर वह मायके बरौआ आ गई।
फिर आशीष भी बरौआ पहुंच गया और प्रियंका के साथ में रहने लगा। जब ताने मिलने लगे तो मई 2024 में वह औरैया शहर के बनारसीदास मोहल्ले में किराए पर कमरा लेकर रहने लगे। आशीष सैलून की दुकान में काम करता था। आशीष, प्रियंका ने बच्चों को रास्ते से हटाने की साजिश रची। जिसके तहत प्रियंका 27 जून 2024 को चारों बच्चों को लेकर सेंगुर नदी के केशमपुर घाट पहुंची और 9 वर्षीय सोनू, 7 वर्षीय आदित्य, 6 वर्षीय माधव और ढाई वर्षीय मंगल को नदी में डुबो दिया। तीन बच्चों की मौत हो गई, जबकि सोनू बच गया। प्रियंका के जाने के बाद सोनू नदी से बाहर निकला और आसपास के लोगों को पूरी बात बताई।
इस मामले में प्रियंका के देवर मनीष ने एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने विवेचना के बाद प्रियंका और आशीष के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-3 सैफ अहमद ने दोनों को दोषी ठहराया। सोनू के बयान के आधार पर कोर्ट ने विरल से विरलतम अपराध मानते हुए प्रियंका को मृत्युदंड की सजा सुनाई और धारा-307 में सात साल की सजा दी। प्रियंका के प्रेमी चचेरे देवर आशीष उर्फ डैनी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड की 75 फीसदी राशि सोनू के नाम फिक्स डिपॉजिट की जाएगी।
