हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक बने जनार्दन आचार्य: दरगाह परिसर से सटा मंदिरनुमा घर दे रहा सौहार्द का संदेश

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बरेली। पत्रकारिता के क्षेत्र में भीष्म पितामह कहे जाने वाले आचार्य जनार्दन आचार्य

ने अपने जीवन को न सिर्फ समाजसेवा, बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल बना दिया है। बरेली की आलाहज़रत दरगाह के पास स्थित उनका मथुरा शैली में बना मंदिरनुमा आवास, धर्म की दीवारें नहीं, दिल जोड़ने का प्रतीक बन गया है।

फ़ोटो में जनार्दन आचार्य जी

मुस्लिम बहुल मोहल्ले में रहते हुए वे नफरत के जवाब में हमेशा मोहब्बत का संदेश देते आए हैं। दूरदर्शन, आकाशवाणी और कई राष्ट्रीय एजेंसियों से जुड़े आचार्य जनार्दन ने पत्रकारिता में निष्पक्षता, और जीवन में समरसता को अपनी पहचान बनाया है।

 

त्योहारों पर प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करना हो, या आपसी विवादों में संवाद स्थापित कर सौहार्द बनाना – आचार्य जनार्दन हर मोर्चे पर एकता के वाहक की भूमिका निभाते हैं।

 

उनके पड़ोसी मुस्लिम परिवार उन्हें अपना संरक्षक मानते हैं, और हिंदू समाज उन्हें प्रेरणा। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि धर्म अलग हो सकते हैं, लेकिन दिल एक हो सकते हैं।जहां नफरत दीवार बनाती है, वहां आचार्य जनार्दन मोहब्बत की मिसाल बनाते हैं।

 

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Author: newsvoxindia

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