भगवान स्वरूप राठौर
बरेली। शीशगढ़ क्षेत्र के खमरिया गांव के पास पश्चिमी बैगुल नदी पर पक्का रेगुलेटर बांध निर्माण का रास्ता आखिरकार साफ हो गया है। बुधवार को सिंचाई विभाग और निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने स्थलीय निरीक्षण कर किसानों को भरोसा दिलाया कि नवंबर से निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि अंग्रेजी शासन काल में खमरिया गांव के पास बना रेगुलेटर दशकों पहले टूट गया था, जिससे रामपुर जनपद के बिलासपुर और बरेली के बहेड़ी व मीरगंज तहसील के करीब 160 गांवों के किसानों को हर साल सिंचाई संकट का सामना करना पड़ता रहा।
पूर्व विधायक जयदीप सिंह बरार ने किसानों के साथ मिलकर किसान कल्याण समिति का गठन किया और बीते 20 वर्षों से कार सेवा के माध्यम से हर मानसून से पहले कच्चे बांध का निर्माण कर सिंचाई व्यवस्था कायम रखी। लेकिन हर वर्ष वर्षा ऋतु में यह कच्चा बांध बह जाता, जिससे किसानों को दोबारा श्रम और धन लगाना पड़ता।
पक्के बांध की मांग को लेकर वर्षों से चल रही जद्दोजहद, धरना-प्रदर्शन और संघर्ष अब रंग लाया है। शासन से परियोजना के लिए धनराशि स्वीकृत होने के बाद बुधवार को निर्माण स्थल पर सिंचाई विभाग के एसडीओ मजहर हुसैन अंसारी, जेई पंकज सिंह, सी.पी. सिंह और निर्माण कंपनी यूनिवर्सल हाइड्रो स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नागपुर के सीईओ संजय मंधाना, इंजीनियर केशव व अजीत मंधाना ने निरीक्षण कर तकनीकी अध्ययन किया।
अधिकारियों ने कच्चे बांध की मौजूदा जगह को ही पक्के बांध के लिए उपयुक्त माना और किसानों को आश्वस्त किया कि नवंबर में काम शुरू कर दिया जाएगा। मौके पर वेदप्रकाश कश्यप, कृष्ण पाल सिंह, गौरव सिंह, महेन्द्र सिंह, रघुवीर सिंह, ओमपाल सिंह, नन्नूकी प्रसाद मौर्य, शंकर सिंह व रमेश सिंह समेत कई किसान उपस्थित रहे।
अब उम्मीद की जा रही है कि वर्षों पुरानी यह समस्या स्थायी रूप से खत्म होगी और क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए वर्षभर पानी मिल सकेगा।
