अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 8 आरोपी बरी
बरेली। कोविड लॉकडाउन के दौरान पत्नी को भूखा-प्यासा रखकर तड़पा-तड़पा कर मारने वाले पति को अदालत ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह दिल दहला देने वाला मामला थाना सुभाषनगर के गांव करेली का है।
अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी ने दोषी मनोज को सजा सुनाई, जबकि मामले में शामिल बताए गए ससुर, जेठ, देवर समेत आठ आरोपियों को बरी कर दिया गया।
मामले की शुरुआत 26 मई 2021 को हुई, जब मृतका ममता के भाई राकेश साहू ने एसएसपी को तहरीर दी। एक दिन पहले उन्हें बहन की मौत की सूचना मिली थी। जब परिजन गांव पहुंचे तो देखा कि ममता की लाश कमरे में सड़ चुकी थी और उसमें कीड़े पड़ चुके थे।
जांच में सामने आया कि मनोज, ममता को कमरे में बंद कर मजदूरी पर चला जाता था। मानसिक रूप से कमजोर ममता को वह कई दिनों तक भूखा-प्यासा रखता। लॉकडाउन के दौरान वह उसे कमरे में बंद कर पांच दिन तक लापता रहा, जिससे उसकी मौत हो गई।
सरकारी वकील सुनील पांडे के अनुसार, मनोज का स्वभाव क्रूर और हिंसक था। कोर्ट ने उसे पत्नी की हत्या का दोषी मानते हुए कड़ी सजा सुनाई।
पुलिस को पड़ोसियों की शिकायत पर शव मिलने की जानकारी मिली। कमरे से तेज बदबू आ रही थी, तब जाकर यह हैवानियत सामने आई। अब अदालत के इस फैसले को न्याय की जीत माना जा रहा है।
