हाइटेंशन लाइन का तार टूटकर मासूम बच्ची पर गिरा, बचाने दौड़ी माँ भी आई करेंट की चपेट में, दोनों की झुलसकर मौत
बहेड़ी। गाँव सकरस के एक परिवार में होने वाले कार्यक्रम में रंग में भंग हो गया। ननद के घर बच्चे के नामकरण में शामिल होने बच्ची के साथ आई एक महिला दोनों की हादसे में मौत हो गई। घटना होते ही पूरा गाँव इकटठा हो गया। लोग बिजली विभाग के मौके पर न आने से बहुत गुस्से में थे। घटना के फौरन बाद मौके पर पहुंची एसडीएम रत्निका श्रीवास्तव और सीओ अरूण कुमार सिंह ने भीड़ को बहुतेरे समझाने की कोशिश की पर लोग शव उठाने देने को तैयार नहीं हुए। काफी मशक्कत के बाद करीब ढाई घंटे बीतने पर बिजली विभाग के अफसरों द्वारा लाइन को तत्काल निलंबित करने और परिवार को दोनों मृतकों के एवज़ में दस लाख मुआवजा देने की घोषणा के बाद जैसे तैसे शव सीएचसी ले जाए जा सके जहाँ पुलिस ने पंचनामे की कार्रवाई पूरी कर पोस्टमार्टम हाउस भिजवाए।
घटना शुक्रवार दोपहर एक बजे की बताई जाती है। गाँव सकरस में आकाश कश्यप के यहाँ बच्चे का नामकरण संस्कार कार्यक्रम था। उसी में नेग दस्तूर लेकर देवरनिया थाने के गाँव चुबकिया निवासी राजपाल उर्फ़ दयाराम की पत्नी आरती (32) अपनी दस साल की बेटी तनु के साथ आई हुई थी। मां बेटी कार्यक्रम के बाद किसी से फोन पर बात करने छत पर गयीं ही थीं कि अचानक छत के ऊपर से गुजर रही 11 हजार बोल्ट की लाइन का तार तनु के ऊपर टूटकर गिर गया। बच्ची को तड़पते देख आरती ने दौडकर पकड़ा तो वह भी करेंट की चपेट में आ गयी और दौनो मां बेटी की झुलसकर दर्दनाक मौत हो गयी। हादसा होते ही लोगों की भीड़ लग गयी। एसडीएम और सीओ ने परिजनों को समझाकर आगे की कार्रवाई के लिए बात करनी चाही पर लोग बिजली विभाग के अधिकारियों से इस कदर नाराज थे कि उनके मौके पर आने तक शव नहीं उठने देने पर अड़ गये। भीड़ में से डीएम रविंद्र कुमार को बुलाए जाने की मांग उठने लगी। लगातार बढ़ रही भीड़ को देखकर एकबारगी तो अधिकारी सकते में आ गये। परिजनों को समझाने बुझाने की कोशिश तब रंग लाई जब मौके पर एक्स ई एन चमन प्रकाश तथा एसडीओ नगर व ग्रामीण अमित गंगवार व प्रेम चंद यादव मौके पर पहुंचे और मुआवजे के साथ ही संबंधित लाइन मैन ओमप्रकाश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए जाने की घोषणा की गई। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली। पुलिस की जिप्सी में दोनों शवों को सीएचसी लामा गया और आवश्यक कार्रवाई के बाद शवों को पी एम हाउस भिजवाया गया।
