अधिकारियों के समझाने पर बाद में किया मतदान
बरेली। मीरगंज के गांव खमरिया सानी में मतदान बहिष्कार कर दिया। गांव खमरिया सानी में मंगलवार को सुबह 8 बजे बूथ संख्या 198 पर ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने सड़क निर्माण न होने व नेताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाकर मतदान का बहिष्कार किया। 11 बजे तक एक भी वोट नहीं पड़ा। ग्रामीणों ने कहा की जबतक समस्या का समाधान नहीं होगा तब तक वोट नहीं डालेंगे।ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से सड़क निर्माण को लेकर आश्वासन मिलता रहा लेकिन अभी तक सड़क का निर्माण नहीं कराया गया।
कई बार सड़क की मांग करने के बाद भी मांग पूरी नहीं होने से ग्रामीण इस बात से खासे नाराज थे। ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधि उन्हें एक सड़क तक नहीं दें पाए है। गांव का मुख्य मार्ग खराब होने से ग्रामीणों की नाराजगी चुनाव नजदीक आते ही खुलकर सामने आई है।
ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर खोला मोर्चा
ग्रामीणों ने कहा कि लंबे समय से गांव की सड़क के निर्माण की मांग की जा रही है. मीरगंज नेशनल हाइवे से नगरिया सादित सिल्लापुर होते हुए गांव खमरिया सानी से गांव को जोड़ने वाली सड़क लंबे समय से गड्ढों में तब्दील हो गई है। गांव से ग्रामीणों को गड्ढों में तब्दील सड़क से यात्रा करना मजबूरी बना हुआ है। कई बार इस मार्ग में लोग व स्कूली बच्चे गिरकर घायल हो जाते है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पूर्व में सड़क की मांग पर आश्वासन मिला जो अब तक पूरा न हो सका। ग्रामीण राजबीर सिंह ने बताया कि पक्की सड़क न होने से मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। कई बार रास्ते में ही प्रसव हो चुके हैं। मामले की शिकायत विधायक से लेकर सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से समय-समय पर सड़क निर्माण की मांग की गई मगर इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया। ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए हल्ला बोल दिया।
ग्रामीणों ने कहा कि लंबे समय से गांव की सड़क के निर्माण की मांग की जा रही है. मीरगंज नेशनल हाइवे से नगरिया सादित सिल्लापुर होते हुए गांव खमरिया सानी से गांव को जोड़ने वाली सड़क लंबे समय से गड्ढों में तब्दील हो गई है। गांव से ग्रामीणों को गड्ढों में तब्दील सड़क से यात्रा करना मजबूरी बना हुआ है। कई बार इस मार्ग में लोग व स्कूली बच्चे गिरकर घायल हो जाते है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पूर्व में सड़क की मांग पर आश्वासन मिला जो अब तक पूरा न हो सका। ग्रामीण राजबीर सिंह ने बताया कि पक्की सड़क न होने से मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। कई बार रास्ते में ही प्रसव हो चुके हैं। मामले की शिकायत विधायक से लेकर सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से समय-समय पर सड़क निर्माण की मांग की गई मगर इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया। ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए हल्ला बोल दिया।

Author: newsvoxindia
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