बरेली। उत्तर प्रदेश में मंदिर में नमाज तो कभी मस्जिद में पूजा करने के मामले आते रहे है। ऐसा ही एक मामला बरेली के भुता थाना क्षेत्र के केसरपुर में आया जहाँ एक मां बेटी ने एक मौलवी के उकसाने में मंदिर के अंदर नमाज पढ़ने पहुंच गई ।।जब ग्रामीणों ने मंदिर के अंदर दो मुस्लिम महिलाओं को देखा तो जिसमें एक युवती मौके पर नमाज अदा कर रही थी , तो ग्रामीणों ने हंगामा खड़ा कर दिया । सूचना पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की शिकायत पर मां बेटी को गिरफ्तार कर लिया । जब ज्यादा ही पूछताछ की तो यह भी पता चल गया कि इसके उकसाने पर महिलाओं ने यह हरकत की।भुता पुलिस ने साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में तीनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
बरेली पुलिस के मुताबिक भुता थाना क्षेत्र के गांव केसरपुर में ग्राम प्रधान पति प्रेमसिंह ने तहरीर देकर बताया कि दो महिलाएं केसरपुर के मंदिर में।नमाज अदा कर रही थी । इस शिकायत पर सबिना पत्नी जाकिर , नाजीरा पुत्री जाकिर हुसैन (संबंध बेटी -मां) के साथ महिलाओं को उकसाने के संबंध में चमन शाह पुत्र बाहर शाह निवासी सैदपुर कुर्मियान को गिरफ्तार किया है। तीनों पर आईपीसी की धारा 295 a , 120b ,153 a, तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
हालांकि घटना के संबंध में हुए वायरल वीडियो में युवती यह भी कहती हुई नजर आ रही है कि वह काफी समय से दिल्ली में रहती है और वह रास्ते में पढ़ने वाले मंदिर मस्जिद में जाने से परहेज नहीं करती है। एक वीडियो में युवती से एक शख्स देवी पूजन कराते हुए भी नजर आ रहा है।
राजनीति के आगे भूलते जा रहे है साझा विरासत
भारत में हमेशा से आपसी भाईचारे की मिसाल देखने को मिलती रही है। लोग एक दूसरे के धार्मिक स्थलों पर जाकर दुआ मांगने या पूजा अर्चना का काम करते रहे है। राजस्थान के अजमेर में स्थित दरगाह पर बड़ी संख्या में दूसरे धर्म के लोग भी जाते रहे है। वही कुछ समय देश में यह भी प्रचलन शुरू हुआ कि एक धर्म विशेष लोग दूसरे धर्म के कार्यक्रमों में भी जाने लगे । इसका एक उदाहरण है बागेश्वर धाम सरकार का धाम , जहां दूसरे धर्म के लोग भी उन्हें सुनने के लिए जाने लगे है। ऐसे देश में बहुत सारे उदाहरण है जिनसे आपसी सौहार्द की मिसाल मिलती रही है। देश के प्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन लिखते है कि”
इसका मतलब साफ है कि अगर हमारे दिलों में एक दूसरे का सम्मान है तो हमें छोटी छोटी बातों को आगे बढ़ने के साथ अपने दिल को बड़ा कर देना चाहिए । वास्तव में हमारी तरक्की तभी है जब हम एक साथ मिलकर वर्षो से चली आ रही रिवायत को कायम रखे और एक दूसरे के धर्म का सम्मान रखे।