चांद भारत की मुट्ठी में , चंद्रयान की सफलता पर पीएम ने देशवासियों को दी बधाई , बोले अब चंदा मामा टूर के,

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चंदा मामा दूर के नहीं अब टूर के : पीएम मोदी,

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चंद्रयान 3 ने 40 दिन में अपना मिशन किया पूरा,

दिल्ली। इसरो के नाम बुद्धवार शाम एक उपलब्धि चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लेंडिंग के होते ही जुड़ गई। भारत अमेरिका , चीन , रूस के भारत उन देशों के केटेगरी में शामिल हो गया जिन्होंने चांद पर अपने मिशन को पूरा किया है। वही भारत के लिहाज से चंद्रयान की उपलब्धि इस लिए भी खास हो जाती है क्योंकि भारत चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश है। हालांकि रूस ने भी चांद के साउथ पोल पर अपना चंद्रयान लूना को उतारने की कोशिश की थी लेकिन वह सफल नहीं हो पाया था। भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में चांद पर सॉफ्ट लॉन्चिंग करके दुनिया के कई देशों को चौंका दिया है।

 

 

भारत का चंद्रयान 3 मिशन अपने तय समय से एक मिनट पहले लेंड हुआ । इसी के साथ इसरो के कमांड सेंटर पर खुशी की लहर दौड़ गई। इसरो प्रमुख ने चंद्रयान अभियान 3 के सफल होने की सूचना पूरे दुनिया को दी , इसके बाद साउथ अफ्रीका से पीएम मोदी ऑनलाइन जुड़े उन्होंने भारत की 140 करोड़ जनता के साथ देश के वैज्ञानिकों को चंद्रयान 3 की सफलता के लिए अपनी बधाई दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हर देशवासी की तरह मेरा मन चंद्रयान महाअभियान पर भी लगा हुआ था।नया इतिहास बनते ही हर भारतीय जश्न में डूब गया है, हर घर में उत्सव शुरू हो गया है। यह पल बढ़ते भारत के है। यह पल भारत के शंखनाथ के है।

 

 

 


सफल लेंडिंग के चंद्रयान 2 का अनुभव आया काम

चंद्रयान 2 का अनुभव चंद्रयान 3 के मिशन को पूरा करने में काम आया । चंद्रयान ने करीब 5 बजकर 57 मिनट पर तीसरे चरण को सफलता पूर्वक पूरा कर लिया। यान की लेंडिंग की वर्टिकल स्पीड को तेज रखने के साथ होरिजेंटल स्पीड को कम रखा गया था। हालांकि लेंडिंग से कुछ क्षण पहले यान को tiled भी होता देखा गया।

 

 

इसरो की सफलता ने देशवासियों को दिवाली बनाने का दिया मौका

चंद्रयान की सफल होने की खबर जैसे देश वासियों को मीडिया के द्वारा मिली तो उसके बाद देश मे जश्न का दौर शुरू हो गया । कुछ ने आतिशबाजी करके तो कुछ ने मिठाई बांटकर खुशियां बनाई।

चंदा मामा अब टूर के :

पीएम मोदी ने कहा कि पहले कहा जाता था कि चंदा मामा दूर के , लेकिन अब हमारे बच्चे कहेंगे की चंदा मामा टूर के , पीएम मोदी ने यह कहना साफ मकसद था कि इस सफलता के बाद इसरो के कई फ्यूचर प्लान है जिससे भविष्य में अंतरिक्ष से जुड़े कई खुलासे होंगे । उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि स्काई ईज़ नो लिमिट,

 

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Author: newsvoxindia

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