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करवा चौथ पर सुहागिन महिलाओं की सौदर्यता और सौभाग्यता में निखार लाएगा शुभ ग्रहों का महासंयोग

पंडित मुकेश मिश्रा ,
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बरेली।पति की दीर्घायु के लिए रखा जाने वाला करवा चौथ का व्रत इस बार बहुत ही शुभ घड़ी में पड़ रहा है। इस बार ऐसे महासंयोग बन रहे हैं जो ज्योतिष के अनुसार दशकों बाद देखने को मिलते हैं। जिस नक्षत्र में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था वही रोहिणी नक्षत्र इस बार करवा चौथ के दिन चंद्रोदय के समय व्याप्त रहेगा। यह नक्षत्र होने से दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ने के शुभ संकेत हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित मुकेश मिश्रा ने बताया कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष करवा चौथ का व्रत इस बार 13 अक्टूबर गुरुवार को मनाया जाएगा। इसके साथ ही करवा चौथ पर कई शुभ ग्रहों का महासंयोग भी रहेगा।
जिस कारण यह पर्व बहुत ही खास हो गया है बता दें,  इस समय गुरु देव बृहस्पति, बुध और शनि स्वगृही यानी अपनी-अपनी राशि में विराजमान हैं, जिससे सुख और सौभाग्य पाने में सरलता होगी। सूर्य और बुध भी एक साथ होंगे और उन पर गुरु का प्रभाव भी होगा। इससे पति-पत्नी का आपसी संबंध और विश्वास मजबूत होगा। शुक्र-बृहस्पति का संबंध भी इस पर्व पर बना रहेगा, जिससे की गई प्रार्थना शीघ्र स्वीकार होगी। तेरह वर्ष के बाद मीन राशि का बृहस्पति इस पर्व को ज्यादा सुखद बनाएगा। इससे वैवाहिक जीवन की तमाम अड़चनें भी दूर हो जाएंगी। चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार  कर अपने पति की दीर्घायु की कामना से व्रत करती है और चंद्र देवता से उज्जवल भविष्य  की प्रार्थना करती है। चंद्र देवता अर्घ्य से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। आचार्य ने बताया कि महिलाएं सोलह श्रृंगार  करके भगवान गणेश, कार्तिक, शिव- पार्वती, लक्ष्मी- विष्णु की पूजा करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर  पूजा करती हैं और अपने पति की आरती उतारती है।
करवा चौथ व्रत के नियम
-यह व्रत सूर्योदय से पहले से शुरू कर चंद्रमा निकलने तक रखना चाहिए और चन्द्रमा के दर्शन के पश्चात ही इसको खोला जाता है।
-शाम के समय चंद्रोदय से एक घंटा पहले सम्पूर्ण शिव-परिवार (शिव जी, पार्वती जी, नंदी जी, गणेश जी और कार्तिकेय जी) की पूजा की जाती है।
-पूजन के समय देव-प्रतिमा का मुख पश्चिम की तरफ़ होना चाहिए तथा स्त्री को पूर्व की तरफ़ मुख करके बैठना चाहिए।
तिथि मुहूर्त
चतुर्थी तिथि इस दिन प्रातः 3:58 से लग जाएगी जो कि पूरे दिन पूर्ण रात्रि व्रत रहेगी
बरेली में चंद्रोदय रात्रि 8:01 पर होगा। लेकिन धुंध बादलों की वजह से कभी-कभी समय से कुछ विलंब भी दिखाई देता है।

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