मनरेगा योजना में घपलेबाजी लगातार जारी है। शाहजहांपुर जिले के ब्लॉक तिलहर का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक मनरेगा मजदूर की मौत के 47 दिन बाद तक रजिस्टर में उसकी हाजिरी दर्ज की जाती रही। इतना ही नहीं साठगांठ के चलते मस्टर रोल तैयार मृतक के नाम की मजदूरी का भुगतान कराने के लिए बैंक भेज दिया गया। मजदूर का मृत्यु प्रमाण पत्र मिलने पर बैंक ने भुगतान पर रोक लगा दी, जिससे फर्जीवाड़ा खुल गया। पुवायां की एक समाजसेविका ने घपलेबाजी करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जनपद शाहजहांपुर के पुवायां निवासी समाजसेविका चंद्रकला रस्तोगी की ओर से की गई शिकायत के अनुसार तिलहर विकास खंड की ग्राम पंचायत समधाना निवासी ओमवीर पुत्र सालिकराम की 02 जून 2023 को मृत्यु हो गई थी। मगर मनरेगा योजना के तहत बना उसका जॉब कार्ड निरस्त नहीं किया गया। बल्कि 16 फरवरी 2025 से 02 अप्रैल 2025 तक यानी 47 दिन तक रजिस्टर में उनकी हाजिरी दर्ज की जाती रही।
आरोप है कि साठगांठ के चलते पंचायत सचिव ने भी मृतक की हाजिरी स्वीकृत कर दी। तकनीकी सहायक ने मस्टर रोल तैयार कर एपीओ को भेज दिया। एपीओ ने भी मस्टर रोल पर अपनी स्वीकृति दे दी। इसके बाद मृतक रामवीर के नाम से भुगतान कराने के लिए रुपये रामवीर के खाते में भेज दिए। रोजगार सेवक मृतक ओमवीर का भुगतान कराने बैंक पहुंचे। मगर इस बीच ओमवीर का मृत्यु प्रमाण पत्र बैंक पहुंच गया, जिससे बैंक वालों ने भुगतान रोक दी।
ओमवीर का जॉब कार्ड संख्या UP-27-025-053-001 है, जिसमें ओमवीर और उनकी पत्नी सुरेखा का नाम दर्ज है। मृत्यु के बाद भी ओमवीर PMAY-G आवास निर्माण (पंजीकरण संख्या UP-27-025-053- 01/MMAYG1005422)में 47 दिन तक ओमवीर के नाम हाजिरी दर्ज की गई।
इस मामले में तिलहर ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी बृजेश कुमार मिश्रा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। मृतक के नाम से हाजिरी लगने के मामले का पता लगने के बाद से लोगों में खासी चर्चा है।
