बरेली: बारूद के ढेर पर शहर…डीएसओ ने गैस गोदाम शिफ्ट करने से खड़े किए हाथ… जानिए क्यों

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बरेली। लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे स्थित रजऊ परसपुर में बने गैस एजेंसी के गोदाम में हुए भीषण अग्निकांड में भारी हुइ्र थी। खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने आबादी के बीच संचालित गैस एजेंसियों के गोदामों को शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। जिला पूर्ति विभाग ने आबादी के बीच संचालित गैस गोदामों का सर्वे कराया। इसके बाद सर्वे रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी। इसमें कहा है कि जब गैस एजेंसियों के गोदामों की स्थापना हुई, तब यहां आबादी नहीं थी। मुख्य विस्फोटक नियंत्रक से लाइसेंस लेकर गोदाम संचालित हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय के स्तर से ही इन्हें शिफ्ट कराया जा सकता है।

जिला पूर्ति अधिकारी मनीष सिंह की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय को बताया कि ग्राम रजऊ परसपुर में गैस एजेंसी के गोदाम में हुए अग्निकांड की घटना के मद्देनजर भविष्य में ऐसी घटना घटित न हो, इसे ध्यान में रखते हुए 26 मार्च को महानगर में संचालित समस्त गैस एजेंसियों को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस मिलने के बाद बरेली एलपीजी एसोसिएशन के पदाधिकारी कार्यालय में उपस्थित हुए और अपना पक्ष रखा।

उन्होंने बताया कि महानगर में संचालित गैस एजेंसियों ने पूर्व में अनापत्ति प्राप्त करके समस्त औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मुख्य विस्फोटक नियंत्रण से लाइसेंस प्राप्त किया है, जिसके बाद गोदाम स्थापित किए गए थे। जिस समय गोदाम स्थापित किए गए थे, उस समय आसपास आबादी नहीं थी। वर्तमान समय में गोदाम स्थानांतरित करने के संंबंध में कार्रवाई पेट्रोलियम मंत्रालय के स्तर से की जानी है। इस पर एजेंसी स्वामियों और ऑयल कम्पनी के अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने को निर्देशित किया था।

इसके बाद महानगर के गैस एजेंसियों के गोदामों की स्थिति मालूम करने के लिए क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक को निरीक्षण के लिए भेजा गया। क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक की आख्या के अनुसार महानगर में गोयल इन्टरप्राईजेज, हार्टमन रोड, रोहिलखंड गैस सर्विस, हार्टमन रोड, चन्दा भारत गैस, हार्टमन रोड, गुरंग गैस सर्विस सेटेलाइट और योगेश गैस कर्मचारी नगर के गोदाम आबादी वाले क्षेत्र में संचालित होते मिले।

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